कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन से बोखलाया चीन, कहा- भारत छोटे देशों को अपने पाले में कर रहा

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October 7, 2024

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कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन से बोखलाया चीन, कहा- भारत छोटे देशों को अपने पाले में कर रहा

-हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए छोटे देश भारत के साथ हो रहे संगठित

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/कोलंबो/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन को फिर से एक्टिव करने की भारत की कोशिशों से चीन बोखला गया है। चीनी मीडिया ने इसको लेकर बाकायदा भारत के खिलाफ प्रोगेंडा भी शुरू कर दिया है। अपने बयान में चीनी मीडिया कह रहा है कि   भारत, श्रीलंका और मालदीव जैसे छोटे देशों के साथ मिलकर हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने की तैयारी में है।
                   इस समूह का गठन 2011 में त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा सहयोग पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बैठक के नाम से किया गया था लेकिन अब इसे सीएससी के नाम से जाना जाता है। सालों बाद फिर से इस ग्रुप की बैठक अगस्त महीने में हुई है और चीन इसे लेकर परेशान है। चीन के डिफेंस एनालिस्ट्स बता रहे हैं कि भारत इस ग्रुप को अब संस्थागत बना रहा है और इससे भारत का विशेष फायदा है क्योंकि भारत का हिंद महासागर में अपर हैंड है और वह उसे बनाए रखना चाहता है।
                   कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन में भारत पश्चिमी हिंद महासागर की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देता रहा है। यही कारण है कि सेशेल्स और मॉरीशस जैसे देश इस बैठक में पर्यवेक्षकों के तौर पर शामिल थे। इस बैठक में समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद और कट्टरता, तस्करी और संगठित अपराध और साइबर सुरक्षा पर बात हुई है।
                  ग्लोबल टाइम्स चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का भोंपू अखबार है। अखबार ने अपने एक संपादकीय में लिखा है कि इस बैठक में ब्ैब् मौजूदा वक्त में गैर-पारंपरिक सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित है लेकिन भारत के लिए यह पारंपरिक सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने का एक अप्रत्यक्ष और प्रभावी तरीका हो सकता है। अखबार ने लिखा है कि भारत अपने छोटे पड़ोसी देशों को सुरक्षा की गारंटी दे सकता है लेकिन कुछ देशों को भारत जबरन अपने पक्ष में लेने को मजबूर कर रहा है और कई देश इससे बचते नजर आ रहे हैं। बांग्लादेश जो अभी ब्ैब् में पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल है, चीन को नियंत्रित करने की कोशिश में हो सकता है कि भारत का बहुत साथ न दे। चीन को लेकर भारत की चिंता वाजिब है और यही कारण है कि भारत सेशेल्स में सैन्य अड्डा बना रहा है।
                     ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि इन देशों का सुरक्षा सहयोग तंत्र में भाग लेने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर ये देश भारत के साथ मिलकर चीन के विरोध में शामिल हो जाते हैं तो ये देश चीन के साथ विकास के मौके से चूक जाएंगे। हिंद महासागर में देशों को अपनी बात साफ़ तरीके से रखनी चाहिए और भारत की महत्वाकांक्षाओं के प्रति सतर्क रहना चाहिए।
                     रिपोर्ट्स बताती हैं कि कॉन्क्लेव के विस्तार को लेकर बातें की जा रही हैं। और इसी कड़ी में बांग्लादेश, सेशेल्स और मॉरीशस को अगली बैठक में पूर्ण सदस्य बनने के लिए आमंत्रित किया गया है। चीन को यह बात हजम नहीं हो रही है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत इस ग्रुप में जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका सहित कुछ यूरोपीय देशों को भी शामिल करना चाहता है। ऐसा करके भारत हिंद महासागर में चीन को घेरने की तैयारी में है।

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