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    केंद्र सरकार दे सकती है एमएसपी पर कानूनी गांरटी, सरकार ने दिये संकेत

    -चुनाव से पहले केंद्र सरकार उठा सकती है बड़ा कदम, तैयारी जोरो पर -किसानों को अब ए2 नही सी2 फार्मुलें पर चाहिए एमएसपी की गांरटी

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओ ंपर पिछले 10 महीने से बैठे किसानों को जल्द केंद्र सरकार बड़ी खुशखबरी दे सकती है। केंद्र सरकार ने किसानों को एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने व कानूनी गांरटी देने का अब मन बना लिया है। जिसके संकेत अब सरकार की तरफ से मिलने भी लगे हैं। दरअसल किसानों का विरोघ कहीं चुनावों पर न पड़ जाये इसका सरकार नजदीकी से आंकलन कर रही है और चुनाव से पहले किसानों को खुश करने के लिए केंद्र सरकार एमएसपी को कानूनी जामा पहना सकती है। भाजपा के किसान छवि वाले नेताओं ने गन्ना मूल्य बढ़ाने और एमएसपी पर कानून बनाने का सुझाव हाईकमान को दिया है। लेकिन अब किसान ए-2 नही सी-2 फार्मुले पर एमएसपी की कानूनी गांरटी मांग रहे है।
                           यहां बता दें कि यूपी, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के किसान पिछले दस महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा यूपी और उत्तराखंड में महापंचायत कर रहा है। आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने भी एमएसपी पर गारंटी कानून बनाए जाने की हिमायत की है। इस बीच केंद्र सरकार की तरफ से एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने के संकेत मिल रहे हैं। पश्चिमी यूपी में पार्टी विधायकों और नेताओं के विरोध की वजह से भी यह काम यूपी विधानसभा चुनाव से पहले हो सकता है। भाजपा के किसान छवि वाले नेताओं ने गन्ने का रेट बढ़ाए जाने की सुझाव भी हाईकमान को दिया है।


                        किसान नेताओं का कहना है कि स्वामीनाथन आयोग द्वारा दिए गए सी2 फार्मूले को ही मान्य करेंगे। भाकियू के प्रदेश प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि मोर्चा की मांग तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने की है। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह का कहना है कि वह तो शुरू से ही एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने की मांग उठा रहे हैं। भारतीय किसान आंदोलन के अध्यक्ष कुलदीप त्यागी का कहना है कि एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने से किसान बाजार में लुटना बंद हो जाएगा।
                          एमएसपी का आंकलन करने वाले कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने खेती की लागत के तीन वर्ग बनाए हैं। ए2, ए2 प्लस एफएल और सी2। ए2 फार्मूले में फसल उत्पादन के लिए किसानों द्वारा बीज, खाद, ईंधन और सिंचाईं की लागत शामिल होती है। ए2 प्लस एफएल फार्मूले में खर्च के साथ फसल उत्पादन लागत में किसान परिवार का अनुमानित मेहनताना भी जोड़ा जाता है।
                     वहीं, सी2 फार्मूले में खेती के व्यावसायिक मॉडल को अपनाया गया है। इसमें कुल नकद लागत और किसान के पारिवारिक पारिश्रमिक के अलावा खेत की जमीन का किराया और कुल कृषि पूंजी पर लगने वाला ब्याज भी शामिल किया जाता है।
                      तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है।  जिले में किसान सात जगह चक्का जाम करेंगे। भाकियू के निवर्तमान जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी और प्रवक्ता बबलू जिटौली ने बताया कि मेरठ-पौढ़ी हाईवे पर छोटा मवाना पुलिस चौकी के पास और बहसूमा, एनएच-58 पर सिवाया टोल प्लाजा, मेरठ-करनाल मार्ग पर नानू गंगनहर पुल और दबथुआ, मेरठ-बागपत रोड पर जानी और मेरठ-दिल्ली रोड पर परतापुर तिराहा पर चक्का जाम किया जाएगा।

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