किसानों को मोदी सरकार ने दिया एमएसपी का तोहफा, दूरसंचार व टेक्सटाइल को भी मिल सकती है राहत

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October 7, 2024

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किसानों को मोदी सरकार ने दिया एमएसपी का तोहफा, दूरसंचार व टेक्सटाइल को भी मिल सकती है राहत

- केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट में लिए गए फैसलों की दी जानकारी

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- मोदी सरकार ने किसानों को रबी फसल को लेकर एमएसपी का बड़ा तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार ने मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया है। केंद्र ने गेहूं, बार्ले, चना, मसूर, सरसों और सन-फलॉवर का एमएसपी बढ़ा दिया गया है। सबसे ज्यादा मसूर और सरसों के एमएसपी में बढ़ोतरी हुई है। इसमें 400 रुपये का इजाफा किया गया है। वहीं सूत्रों के अनुसार इस में दूरसंचार और टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए राहत पैकेज पर ऐलान हो सकता है। साथ ही किसानों को भी रबी की फसलों की एमएसपी बढ़ाने के फैसले का ऐलान किया जा सकता है।              
                     न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत सरकार किसानों द्वारा बेचे जाने वाले अनाज की पूरी मात्रा खरीदने के लिए तैयार रहती है। जब बाजार में कृषि उत्पादों का मूल्य गिर रहा होता है, तब सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पाद खरीदकर उनके हितों की रक्षा करती है। सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा फसल बोने से पहले ही कर दी जाती है। गेहूं का एमएसपी 1975 रुपये से बढ़कर 2015 रुपये हो गया है, बार्ले का 1600 रुपये से बढ़कर 1635 रुपये, चना की 5100 रुपये से 5230 रुपये, सरसों की 4650 रुपये से 5050 रुपये, सैफलॉवर का 5327 रुपये से 5441 रुपये और मसूर की 5100 रुपये है।
                     केंद्र ने गेहूं, बार्ले, चना, मसूर, सरसों और सैफलॉवर का एमएसपी बढ़ा दिया गया है। सबसे ज्यादा मसूर और सरसों के एमएसपी में बढ़ोतरी हुई है। इसमें 400 रुपये का इजाफा किया गया है। इसके बाद चने के एमएसपी में सबसे अधिक यानी 130 रुपये की बढ़ोतरी हुई, सैफलॉवर का एमएसपी 114 रुपये बढ़ा है, वहीं गेहूं और बार्ले का एमएसपी क्रमशः 40 और 35 रुपये बढ़ा है।
                     केंद्र सरकार टेलीकॉम उद्योग के लिए एक लंबी अवधि के राहत पैकेज पर काम कर रही है। बता दें कि देश में कुछ टेलीकॉम कंपनियां इस समय वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं। जानकारी के अनुसार इसमें एजीआर बकाया को फिर से परिभाषित किया जा सकता है और गैर संचार वस्तुओं को बाहर करने की योजना शामिल हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, क्षेत्र के लिए राहत पैकेज का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के पास भेजा भी जा चुका है। बता दें कि देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों में से एक भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया का भारी एजीआर बकाया है।
                    टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम की घोषणा हो सकती है। मालूम हो कि कपड़ा मंत्रालय ने उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन या पीएलआई योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार ने सुस्त पड़ी टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने या पुनर्जीवित करने के लिए जुलाई में 10,680 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की थी। सरकार इन पैसों से परिधान को बढ़ावा देने, रोजगार और निर्यात क्षमता को मजबूत करने का लक्ष्य रखा है। उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का मुख्य फोकस मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) के तहत 40 प्रोडक्ट श्रेणियों और तकनीकी वस्त्रों के तहत 10 उत्पाद श्रेणियों पर होगा। पीएलआई योजना के लागू होने से ग्रीनफील्ड (नई कंपनियां स्थापित की जा रही हैं) और ब्राउनफील्ड (कंपनियां जो पहले से ही परिचालन में हैं) में निवेश को प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।

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