नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- करणी सेना चीफ सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को गोलियों से भूनने वाले शूटर देश से भागने की फिराक में थे। उनका प्लान था कि किसी तरह गोवा पहुंच जाएं जहां से उन्हें ’बाहर निकाला’ जाना था। हालांकि, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। दिल्ली पुलिस ने 72 घंटे में पांच राज्यों में चप्पा-चप्पा छानकर हत्यारों को पकड़ लिया।
राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में इन शूटर्स की धरपकड़ चली। आखिरकार उन्हें चंडीगढ़ के एक होटल से दबोचा गया। इस हाई वोल्टेज चेज में कुल 72 घंटे लगे। शूटर्स की पहचान नितिन फौजी (26) और रोहित राठौड़ (25) के रूप में हुई है। नितिन हरियाणा के महेंद्रगढ़ का रहने वाला है जबकि रोहित राजस्थान के नागौर का। कथित रूप से इन दोनों ने 5 दिसंबर को जयपुर में गोगामेड़ी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राजस्थान पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
राजस्थान से आया फोन कॉल और मिला पहला सुराग
गोगामेड़ी के शूटर्स की धरपकड़ ने जोर पकड़ा एक फोन कॉल के बाद। वह फोन राजस्थान के एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन ने किया था, दिल्ली के स्पेशल कमिश्नर (क्राइम) रवींद्र सिंह यादव को अलर्ट किया गया कि संदिग्ध शायद दिल्ली की तरफ भागे हैं। यादव ने कहा, ’चूंकि गैंग्स की इंवॉल्वमेंट थी इसलिए पहले से ही कई टीमें काम कर रही थीं। सूत्रों से संपर्क साधा गया और टेक्निकल सर्विलांस शुरू किया गया। पहला सुराग तब मिला जब दोनों आरोपियों की कॉन्टैक्ट डीटेल्स हासिल हुईं और उनका मूवमेंट एनालाइज किया गया।’
इस बीच, राजस्थान पुलिस की टीम ने दिल्ली पुलिस ने मदद मांगी। दोनों राज्यों की पुलिस टीमों के कोर मेंबर्स का एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया। सारे इनपुट्स रियल-टाइम में यहां पर शेयर किए जाते रहे। इंस्पेक्टर राकेश और एसआई अमित ग्रेवाल, अनुज, इमरान और अन्य डीसीपी अमित गोयल के नेतृत्व में अलग-अलग सुराग पर काम कर रहे थे। यह पता चला कि हत्या के बाद, हमलावर डीडवाना भाग गए थे और वहां से दिल्ली की बस पकड़ी।दिनेश का फोन आने के बाद यादव ने करीब 25 पुलिसवाले लगा दिए, रोडवेज बसों की निगरानी करने को। एक बस के ड्राइवर और उसके कंडक्टर ने कहा कि उन्होंने दो लोगों को देखा था मगर वे दिल्ली से पहले ही उतर गए थे। पता चला कि दोनों धारूहेड़ा के पास कहीं उतरे थे और फिर ट्रेन से हिसार तक गए। हिसार रेलवे स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज में दोनों नजर आए। पुलिस ने इस बीच उन दोनों के नए-पुराने साथियों की लिस्ट खंगालती रही। उधम सिंह का नाम उस लिस्ट में आया, उसने इंस्टाग्राम पर चार साल पहले कुछ फोटोज लाइक की थीं। वह भी फरार मिला और मामले में उसकी भूमिका संदिग्ध हो गई।
पुलिस ने पता लगाया कि शूटर्स अपने साथ सिंह को लेकर गए थे। इन तीनों ने मनाली के लिए टैक्सी बुक की। कुछ वक्त वहां बिताया और फिर मंडी चले गए। जब तक पुलिस वहां पहुंची, ये वहां से निकल गए थे। 9 दिसंबर को ये लोग चंडीगढ़ पहुंचे। जाली आधार कार्ड दिखाकर उन्होंने होटल कमल पैलेस में कमरा लिया था। वहीं से इन्हें पकड़ा गया।
राठौड़ और फौजी ने पुलिस को बताया कि उनका देश से बाहर भागने का प्लान था। उन्हें पासपोर्ट और कनाडा के वीजा और फ्लाइट टिकट का लालच दिया गया था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ’उनका रूट गोवा और फिर साउथ इंडिया में और आगे जाने का था। साजिशकर्ताओं ने उन्हें गोगामेड़ी की हत्या के लिए 50-50 हजार रुपये दिए थे।’
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