उपभोक्ताओं के‌ चिकित्सा उपकरणों का कानून डराने वाला नहीं उद्योग को बढ़ाने वाला बने- आरजेएस पीबीएच वेबिनार

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उपभोक्ताओं के‌ चिकित्सा उपकरणों का कानून डराने वाला नहीं उद्योग को बढ़ाने वाला बने- आरजेएस पीबीएच वेबिनार

-पीएसएआईआईएफ के सहयोग से मेडिकल डिवाइस की क्वालिटी पर आरजेएस पीबीएच वेबिनार संपन्न

नई दिल्ली/भावना शर्मा/- पेशेंट सेफ्टी एंड एक्सेस इनीशिएटिव फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से आरजेएस पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) के संस्थापक उदय मन्ना के संयोजन में रविवार 26 नवंबर 2023 को अमृत काल का सकारात्मक भारत 187 वां संस्करण प्रस्तुत हुआ।
           पीएसएआईआईएफ के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल डी शेठ ने ओपनिंग रिमार्क्स और स्वागत भाषण में मेडिकल डिवाइस के रेगुलेशन को लेकर बेहतरीन वेबीनॉर की‌ आशा की। कहा कि सकारात्मक पत्रकारिता के अंतर्गत आरजेएस पीबीएच कम प्रचलित लेकिन महत्वपूर्ण विषयों पर भी समाज को जागरूक करने में लगा है।
           अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता नीति विशेषज्ञ प्रो.बिजॉन कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित वेबीनॉर में भारत के मेडिकल डिवाइस के निर्माता व निर्यातक तथा फोरम कोऑरडिनेटर एआईएमईडी राजीव नाथ ने अपने सम्बोधन में बताया कि भारत में सत्तर प्रतिशत मेडिकल डिवाइस चीन और यूएसए से आयात होते हैं। उनके द्वारा बनाये मेडिकल डिवाइस विश्व के सैकड़ों देशों में निर्यात किये जाते हैं। वह भारत की मेडिकल डिवाइस की इंडस्ट्री के लीडर हैं। देश में मेडिकल डिवाइस के लिए कोई कानून नहीं है। मेडिकल डिवाइस पॉलिसी 2023 में रेगुलेशन की चर्चा है। नेशनल हेल्थ पालिसी में भी मेडिकल डिवाइस रेगुलेशन की चर्चा है। उन्होने कहा कि रेगुलेशन डराने वाला नहीं उद्योग को बढ़ाने वाला होना चाहिए। मेडिकल डिवाइस में एक्सरे मशीन, एमआरआई, ब्लड प्रेशर नापने की मशीन, थर्मामीटर, लैब में काम आने वाले उपकरण मेडिकल डिवाइस की श्रेणी में आते हैं। भारत से तीन बिलियन डॉलर के मेडिकल डिवाइस का आयात किया जाता है। अपने सम्बोधन ने राजीव नाथ जी ने बताया कि मेडिकल डिवाइस का कैलिब्रेशन समय समय पर होना चाहिए लेकिन रेगुलेशन न होने से यह स्वैच्छिक है।
            मुख्य अतिथि के.एल.शर्मा पूर्व संयुक्त सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने मेडिकल डिवाइस की पॉलिसी पर विस्तार से मार्गदर्शन किया। उनका कहना था कि मेडिकल डिवाइस पॉलिसी 2023 जरूरी है तथा अभी लंबित है। मेडिकल डिवाइस क्षेत्र अभी बिना रेगुलेशन के निर्माताओं के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मापदंड अपनाने के कारण से फलफूल रहा है। मेडिकल डिवाइस सेकेंड हैंड भी आते हैं। धनंजय जी ने कहा कि भारत में यदि मेडिकल डिवाइस रेगुलेशन हो तो भारत पांच टॉप के निर्माताओं में शामिल होकर निर्यात कर सकता है। प्रो. बिजॉन मिश्रा अन्तर्राष्ट्रीय उपभोक्ता पॉलिसी विशेषज्ञ तथा भारत सरकार के विभिन्न कमेटियों के सलाहकार ने यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की वकालत करी और मेडिकल डिवाइस वेबीनॉर का बेहद शानदार तरीके से संचालन किया। प्रख्यात अनिल जौहरी ने मेडिकल डिवाइस पर सारगर्भित विचार ‌प्रस्तुत किए। उज्जवल वीमेंस एसोसिएशन की अध्यक्षा बीना जैन ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।
            कार्यक्रम के संयोजक उदय मन्ना जी ने  कहा कि वेबीनॉर का उद्देश्य जन जागरुकता करना है। आरजेएस पीबीएच की टेक्नीकल टीम ने कुशलतापूर्वक कार्यक्रम को रिकार्ड किया और यूट्यूब पर सजीव प्रसारण किया।

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