मानसी शर्मा/- भारत और ईरान के मजबूत कूटनीतिक संबंध फिर सामने आए हैं। ईरान ने भारतीय नर्स निमिशा प्रिया की यमन में दी गई मौत की सजा को टालने में मदद की है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के अनुरोध पर ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने यह मामला यमन के हूती विद्रोहियों के सामने रखा है। बता दें कि,निमिशा प्रिया केरल की निवासी हैं। उन पर 2017में यमन में अपने बिज़नेस पार्टनर की हत्या का आरोप लगा था।

2020में यमनी सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। परिवार का कहना है कि उनका यमनी पार्टनर उन्हें प्रताड़ित और शोषण करता था। इसी वजह से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। भारत-ईरान की कूटनीति से राहत की संभावना भारत सरकार इस मामले को लेकर लगातार प्रयास कर रही है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ओमान की राजधानी मस्कट में ईरान के विदेश मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने अनुरोध किया कि ईरान, हूती विद्रोहियों को समझाने में मदद करे। ईरान के हूती विद्रोहियों से करीबी संबंध हैं, इसलिए उन्होंने इस अनुरोध को सकारात्मक रूप से लिया है।

हूती विद्रोहियों से बातचीत जारी ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि उन्होंने हूती विद्रोहियों के विशेष दूत अंसार अल्लाह से इस मुद्दे पर बात की है। उन्होंने बताया, “हम इस मामले को लेकर आशावान हैं। हूती प्रतिनिधि ने भरोसा दिया है कि वे समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।” ब्लड मनी से बच सकती है जान निमिशा प्रिया का परिवार ‘ब्लड मनी’ जुटाने के लिए अभियान चला रहा है। यमन के कानून के अनुसार, यदि मृतक के परिवार को ब्लड मनी दी जाती है, तो मौत की सजा को रोका जा सकता है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस प्रयास में सहयोग देने का आश्वासन दिया है। भारत की कूटनीति और ईरान की सहायता से उम्मीद की जा रही है कि निमिशा प्रिया को राहत मिल सकती है।

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