
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/गुवहाटी/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- असम में स्थिति बिगड़ने से पहले ही जनसंख्या नियंत्रण नीति को लेकर हलचल तेज हो गई है। जिसके तहत असम सरकार जल्द दो बच्चों के नियम को लागू करने के लिए कानून लाने जा रही है। इस कानून को अगले महीने बजट सत्र के दौरान अमली जामा पहनाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि इस कानून के आने से केवल दो बच्चों वाले लोगों को ही सरकारी नौकरियों और कल्याणकारी योजनाओं का फायदा मिलेगा।
असम के संसदीय कार्य मंत्री पीजूष हजारिका ने कहा कि राज्य सरकार फिलहाल इस नए कानून पर काम कर रही है। लेकिन उन्होंने कहा कि अभी तक कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है। हजारिका ने कहा, श्हमने पंचायत चुनावों में पहले ही इस नीति को लागू कर दिया है, लेकिन अब हम इसे राज्य सरकार की नौकरियों, असम सरकार की लाभार्थी योजनाओं तक बढ़ा रहे हैं और हम इस नीति का विस्तार करेंगे। लेकिन इस कानून को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
बता दें कि साल 2018 में असम पंचायत कानून, 1994 में संशोधन किए गए थे। इसके मुताबिक पंचायत चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता और चालू अवस्था में शौचालय के साथ-साथ दो बच्चों का होना जरूरी है।
पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा था कि असम सरकार योजनाओं के तहत लाभ लेने के लिए चरणबद्ध तरीके से दो बच्चे की नीति को लागू करेगी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति असम में सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं होगी क्योंकि कई योजनाओं का संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जिसमें हम दो बच्चे की नीति लागू नहीं कर सकते, जैसे कि स्कूलों और कॉलेजों में मुफ्त शिक्षा या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास। लेकिन कुछ योजनाओं में, जैसे अगर राज्य सरकार आवास योजना की शुरुआत करती है तो दो बच्चे के नियम को लागू किया जा सकता है। धीरे-धीरे आगे चलकर राज्य सरकार की प्रत्येक योजना में यह लागू की जाएगी।
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