अब जम्मू-कश्मीर में लगा कांग्रेस को बड़ा झटकाः

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
October 6, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

अब जम्मू-कश्मीर में लगा कांग्रेस को बड़ा झटकाः

-4 पूर्व मंत्रियों, 3 विधायकों ने सोनिया को भेजा सामूहिक इस्तीफा, लगाया अनसुनी का आरोप

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/जम्मू-कश्मीर/शिव कुमार यादव/- कई राज्यों में आपसी मतभेद व गुटबाजी का सामना कर रही कांग्रेस को अब जम्मू कश्मीर में बड़ा झटका लगा है। प्रदेश में कांग्रेस के 4 पूर्व मंत्रियों और तीन मौजूदा विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सामूहिक इस्तीफा भेजा है। इन नेताओं ने यह आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है कि पार्टी की राज्य में स्थिति खराब है और उस पर बात करने के लिए लीडरशिप की ओर से समय नहीं दिया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि जिन विधायकों और पूर्व मंत्रियों ने पार्टी से इस्तीफा दिया है, वे जी-23 में शामिल नेता गुलाम नबी आजाद के करीबी हैं। गुलाम नबी आजाद कई बार कांग्रेस में अध्यक्ष के चुनाव और अन्य सुधार के लिए आवाज उठाते रहे हैं।
                   सूत्रों के मुताबिक इन नेताओं ने इस्तीफे का लेटर सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी और जम्मू कश्मीर प्रभारी रजनी पाटिल को भी भेजा है। इन नेताओं ने लीडरशिप पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। इस्तीफा देने वाले नेताओं ने जम्मू कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर पर भी निशाना साधा है। गुलाम अहमद मीर पर सीधा निशाना साधते हुए नेताओं ने कहा कि उनकी वजह से ही जम्मू-कश्मीर में आज पार्टी की हालत खराब है। बागी नेताओं ने कहा मीर के कमजोर नेतृत्व के चलते अब तक जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के 200 नेता पार्टी से पलायन कर चुके हैं।
                    हालांकि गुलाम नबी आजाद के ही करीबी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद ने पूरे घटनाक्रम से दूरी बना ली है। इस्तीफा देने वाले नेताओं का कहना है कि उनकी ओर से कई बार राज्य में पैदा हुई समस्याओं पर बात करने के लिए शीर्ष नेतृत्व को संदेश दिया गया, लेकिन कोई जवाब ही नहीं मिला। नेताओं ने कहा कि उनकी ओर से करीब एक साल से लीडरशिप से मुलाकात के लिए वक्त की मांग की जा रही थी, लेकिन टाइम ही नहीं दिया गया। यही नहीं नेताओं ने कहा कि अगस्त में राहुल गांधी जब आए थे, तब भी उनसे मिलने का वक्त मांगा गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
                 असंतुष्ट नेताओं ने कहा कि कुछ लोगों ने जम्मू-कश्मीर में पार्टी को हाईजैक कर लिया है जिसकी वजह से केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति खराब हो गई है। उन्होने प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर पर गुस्सा निकालते हुए कहा कि उनकी लीडरशिप में पार्टी गर्त में चली गई है। नेताओं ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में किसी भी वक्त विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं और पार्टी हाईकमान यहां की समस्याओं पर ध्यान देने के लिए तैयार ही नहीं है। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान का कहना है कि किसी भी समस्या के लिए पार्टी फोरम पर ही बात की जाएगी, लेकिन मीडिया में प्रचार को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox