नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/मुंबई/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-गौतम अडाणी ग्रुप के खिलाफ अस्पष्ट विदेशी निवेश को लेकर सेबी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जिसकारण सोमवार को ग्रुप की 6 लिस्टिड कंपनियों के शेयरों में 5 प्रतिशत से लेकर 22 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।जिसके चलते निवेशकों को शुरूआती घंटे में करीब 50 हजार करोड़ का नुकसान होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
यहां बता दें कि शेयरों में गिरावट का कारण यह था कि सेबी ने इस ग्रुप की कंपनियों में तीन ऐसे विदेशी निवेशकों को पकड़ा, जिन्हें फर्जी माना जा रहा है। ये तीन निवेशक हैं- अलबुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और ।च्डै इन्वेस्टमेंट फंड। ये मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस के एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं। इनके पास वेबसाइट नहीं है। सेबी ने इन तीनों के निवेश को फ्रीज कर दिया है और जांच शुरू हो गई है।
नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड यानी एनएसडीएल के मुताबिक अडाणी की कंपनियों में इन तीनों का कुल निवेश 43,500 करोड़ रहा है। ये अकाउंट इसलिए फ्रीज हुए क्योंकि इनके बारे में सेबी के पास जानकारी नहीं है। साथ ही इन पैसों का मालिक कौन है, यह भी पता नहीं है। इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत इन पर कार्रवाई की गई है। हालांकि इसमें अडाणी ग्रुप का कुछ मामला नहीं है, पर उनके शेयरों में यह निवेश है, इसलिए इस ग्रुप के शेयरों में गिरावट दिखी है। इसमें सबसे ज्यादा अडाणी इंटरप्राइजेज के शेयर टूटे हैं। यह 22ः प्रतिशत टूट कर 1,200 रुपए पर आ गया। शुक्रवार को यह 1,600 रुपए पर बंद हुआ था। इसके बाद बाकी कंपनियों के भी शेयर इसी तरह टूटे। इससे निवेशकों को शुरुआती घंटे में करीब 50,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
इन निवेशकों की अडाणी इंटरप्राइजेज में हिस्सेदारी 6.82ः है। इसका मूल्य 12,008 करोड़ रुपए है। अडाणी ट्रांसमिशन में 8.03ः निवेश है और इसका मूल्य 14,112 करोड़ रुपए है। अडाणी टोटल गैस में 5.92ः निवेश है। इसका मूल्य 10,578 करोड़ रुपए है। जबकि अडाणी ग्रीन एनर्जी में 3.58ः का निवेश है। इसका मूल्य 6,861 करोड़ रुपए है।
अडाणी ग्रुप की जिन कंपनियों के शेयरों में सोमवार को गिरावट हुई है, उसमें सभी कंपनियां हैं। इसमें अडाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर 5ः, अडाणी टोटल गैस और अडाणी ट्रांसमिशन का शेयर 5-5ः, अडाणी पावर का शेयर 4.96ः और अडाणी पोर्ट का शेयर 15ः टूटा है। एक साल में इनका रिटर्न देखें तो अडाणी इंटरप्राइजेज का रिटर्न 12.18 गुना, ग्रीन एनर्जी का 4.5 गुना, अडाणी टोटल गैस का 13.44 गुना, अडाणी ट्रांसमिशन का 8.66 गुना, अडाणी पावर का 4.11 गुना और अडाणी पोर्ट का 3.02 गुना रिटर्न रहा है।
दरअसल सेबी ने साल 2019 में मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए विदेशी निवेशकों के केवाईसी को 2020 तक पूरा करने का आदेश दिया था। इनको नए नियमों के तहत पूरा करना था। इसमें फेल होने पर उनके डीमैट अकाउंट को फ्रीज किए जाने का नियम था। इसी आधार पर इन तीनों के अकाउंट को फ्रीज किया गया है। कहा जा रहा है कि सेबी ने अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में कीमतों में जुगाड़ पर भी जांच शुरू कर दी है, क्योंकि एक साल में इन कंपनियों ने काफी ज्यादा फायदा दिया है।
सूत्रों के मुताबिक वैसे सेबी ने साल 2020 में ही इन कंपनियों के शेयरों की जांच शुरू कर दी थी। हालांकि अभी तक जांच पर कोई फैसला नहीं आया है। बावजूद इसके इन कंपनियों के शेयर लगातार बढ़ रहे हैं। इन कंपनियों में अडाणी इंटरप्राइजेज, अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी पावर में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 74.29ः से ज्यादा है। जबकि अडाणी इंटरप्राइजेज में विदेशी निवेशकों का हिस्सा 20.51ः, अडाणी टोटल गैस में 21.47ः, अडाणी ट्रांसमिशन में 20.30ः, अडाणी ग्रीन एनर्जी में 21.47ः, अडाणी पोर्ट में 17.90ः और अडाणी पावर में 11.49ः हिस्सा विदेशी निवेशकों का है। प्रमोटर्स की सबसे कम हिस्सेदारी अडाणी टोटल गैस और अडाणी ग्रीन एनर्जी में है जो 56.29-56.29ः है।
-गौतम अडाणी को झटका, निवेशकों को शुरुआती एक घंटे में करीब 50 हजार करोड़ का नुकसान
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