
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/दक्षिण अमेरिका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दुनिया में आज ऐसी सभ्यताऐं मौजूद है जिनकी परंपराऐं सुनकर सभी दंग रह जायेंगे। दक्षिण अमेरिका की यानोमामी जनजाति की परंपराऐं व संस्कृति आज भी इस सभ्य कहे जाने वाले समाज से मेल नही खाती। इस जनजाति के लोगों में एंडो-केनिबलवाद की परंपरा के तहत अपनी ही जनजाति के मृतकों के मांस को खाने की अनोखी प्रथा है।
परंपरा के नाम पर दुनिया में आज भी कई ऐसी जनजातियां हैं, जिसके बारे में हम आम दुनिया के लोग बेहद अनजान हैं। ना सिर्फ उन्हें, बल्कि उनके रीति-रिवाज, परंपराएं और संस्कृति के बारे में भी हमें मालूम नही होता है। उनकी मान्यताओं के बारे में जानने के बाद कोई भरोसा भी नहीं कर पाएगा कि आखिर यह जनजाति ऐसा क्यों करती है?
द गार्जियन में छपी खबर के मुताबिक, साउथ अमेरिका के ब्राजील और वेनेजुएला में यानोमामी जनजाति जोकि यनम या सीनेमा के नाम से जाने जाते हैं। यह जनजाति आजकल के आधुनिकीकरण और पश्चिमीकरण से प्रभावित नहीं होते, बल्कि यह अपनी संस्कृति व परंपराओं का अनुपालन करते हैं। यही वजह है कि यह जनजाति अपने ही तरीके से रहना पसंद करती है। इस जनजाति में अंतिम संस्कार करने का तरीका बड़ा ही अजीबोगरीब है। एंडो-केनिबलवाद कहे जाने वाली इस परंपरा के अंतर्गत इस जनजाति में अपनी ही जनजाति के मृतकों के मांस खाने की अनोखी प्रथा हैं।
रिश्तेदारों द्वारा खाया जाता है शव
अमेजन वर्षावन में रहने वाले यानोमामी जनजाति का मानना है कि मौत के बाद शरीर के आत्मा को संरक्षित रखने की जरूरत होती है। उनका मानना है कि आत्मा को तभी शांति मिल सकती है, जब उसकी लाश पूरी तरह से जल जाए और उनके लाश को जीवित रिश्तेदारों द्वारा खाया जाए। मृतकों के पारंपरिक दफन प्रक्रिया के उलट, यह जनजाति शव को जलाते हैं और जले हुए शरीर पर मुस्कान के साथ उनके चेहरे को पेंट कर देते हैं। इतना ही नहीं, ये गाना गाते हैं और रिश्तेदार की मौत पर गाना गाकर रोते हुए अपने दुख को प्रगट करते हैं।
More Stories
एनडीएमसी खेल-खेल में फ्री में निखारेगा छात्रों की खेल प्रतिभा-पहले चरण में शामिल किए गए 7 खेल
डब्ल्यूएचओ ने ब्लैक लिस्ट कीं भारत में बनी 7 सिरप, कई देशों में मौतों की बताया वजह
दिल्ली में दो भाईयों ने नाबालिग से किया दुष्कर्म, गिरफ्तार
विवाहित महिला ‘लिव-इन पार्टनर’ पर नहीं लगा सकती रेप का आरोप: दिल्ली हाईकोर्ट
बसपा नेता से मिलने पहुंचे राहुल गांधी कहा -नफरत की दुकानें अब नई संसद में खोली जा रही है
सनातन को खत्म करने की बात कमल हासन को लगती है बेवजह