मानसी शर्मा / : भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के परपोत तुषार गांधी के लिए एक बड़ी मुसीबत सामने आ गई है। आपको बता दें कि तुषार गांधी को मुंबई पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उनके साथ 50 कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया है। बता दें तुषार गांधी का पूरा नाम तुषार अरुण गांधी है. उनके पिता अरुण मणिलाल गांधी थे. तुषार मणिलाल गांधी के पोते हैं. उन्होंने गुजरात के वडोदरा में महात्मा गांधी फाउंडेशन की स्थापना की है. वे अपने परिवार के साथ मुंबई में रहते हैं. तुषार गांधी पिछले दिनों राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी नजर आए थे.
हिरासत में लिए जाने की पुष्टि खुद तुषार गांधी ने अपने ट्वीट के माध्यम से दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘मैं 9अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की बरसी मनाने के लिए घर से बाहर निकला था और सांता क्रूज पुलिस स्टेशन में डिटेन कर लिया गया। मुझे अपने दादा-दादी महात्मा गांधी और बा पर गर्व हैं, जिन्हें इसी ऐतिहासिक तारीख पर अंग्रेजों ने हिरासत में लिया था।’
पुलिस स्टेशन से किया यह बड़ा ट्वीट
तुषार गांधी ने पुलिस स्टेशन से ही ट्वीट किया है उन्होंने कहा, ‘जैसे ही उन्हें छोड़ा जाता है वह अगस्त क्रांति मैदान में मार्च करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘यह शहीदों की याद दिलाने वाला दिन है और अगस्त क्रांति दिवस जरूर मनाया जाएगा।’ वहीं अभी तक इस मामले में पुलिस की तरफ से कोई बयान अभी तक नहीं जारी किया गया है। तुषार गांधी ने ट्वीट कर कहा कि अब जाने की इजाजत दी जा रही है। अगस्त क्रांति मैदान की ओर प्रस्थान। इंकलाब जिंदाबाद!
क्या है ‘अगस्त आंदोलन’’
हर साल, भारत छोड़ो आंदोलन की बरसी पर पीपुल्स मूवमेंट के तौर पर गिरगांव चौपाटी पर तिलक प्रतिमा से अगस्त क्रांति मैदान तक मार्च निकाला जाता है साथ ही , इस आंदोलन को अगस्त आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है। इस साल भारत छोड़ो आंदोलन की 81वीं बरसी है। देश में भारत छोड़ो आंदोलन दिवस हर साल नौ अगस्त को मनाया जाता है।
वहीं इसके इतिहास की बात करें तो इसे ‘भारत छोड़ो आंदोलन’, ‘अगस्त आंदोलन’ या ‘अगस्त क्रांति’ के नाम से भी जाना जाता है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नौ अगस्त, 1942 को शुरू हुआ था। महात्मा गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेतृत्व में शुरू किए गए इस आंदोलन का उद्देश्य भारत में ब्रिटिश शासन को खत्म करना था। यह आंदोलन बम्बई (अब मुंबई) के गोवालिया टैंक मैदान में शुरू हुआ था। इस दिन गांधीजी ने अंग्रेजों से भारत छोड़ने का आह्वान किया था और नारा दिया था “करो या मरो”। इस आह्वान का कई लोगों ने समर्थन किया था। हालांकि, ब्रिटिश सरकार ने त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने देश भर में कांग्रेस कार्यालयों पर भी छापे मारे थे।
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