नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/ उत्तराखंड /शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव की हवा जोरो पर है। ऐसे में आमआदमी पार्टी उत्तराखंड में अपनी सरकार बनाने को लेकर पूरी कोशिश कर रही है। मंगलवार को आमआदमी पार्टी के नेता व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उत्तराखंड में पांचवे दौरे पर काशीपुर पहुंचे। एक दिन के दौरे पर पहुंचे केजरीवाल ने कहा कि इस बार उत्तराखंड नवनिर्माण में महिला सशक्तिकरण का अहम योगदान होगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं पिछले तीन-चार माह में कई बार उत्तराखंड आ चुका हूं, और मैं जब-जब यहां आया हूं तो एक गारंटी देकर गया हूं। मैं ऐसा इसलिए करता हूं, क्योंकि सालों से यहां दूसरी पाटियों ने वादे किए और बाद में भूल गए। उन्होने कहा कि मैं जब गारंटी देकर जाता हूं तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता कार्ड लेकर घर-घर जाते हैं और लोगों के साइन करवाते हैं। ताकी बाद मैं अगर हम मुकरें तो जनता के पास हमारी गारंटी का सबूत रहे। हमारी गारंटी से यहां के नेताओं को इतनी परेशानी हो रही है कि वह कोर्ट पहुंच रहे हैं। केजरीवाल ने कहा हमारी सरकार दिल्ली मॉडल को उत्तराखंड में भी लाएगी। इस बार चुनाव में महिलाएं निर्णायक की भूमिका में होंगी। भाजपा और कांग्रेस ने प्रदेशवासियों को सिर्फ छला है। इस बार महिलाएं दोनों पार्टियों को दुत्कार कर झाड़ू को वोट देंगी। इस बार महिलाएं उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाएंगी।
उन्होने आगे कहा कि आज भी मैं यहां आप सब को एक और गारंटी देने आया हूं। इससे पहले मैं मुफ्त बिजली, रोजगार, मुफ्त तीर्थ यात्रा की गारंटी दे चुका हूं। आज मैं खासकर महिलाओं के लिए बात करने आया हूं। जिसके बाद केजरीवाल ने एलान किया कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद राज्य में 18 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र की हर महिला के खाते में हर महीने एक हजार रुपये भेजे जाएंगे। एक परिवार की हर महिला को अलग-अलग एक हजार रुपए मिलेंगे। एक परिवार में अगर पांच महिलाएं है तो पांचों को इसका लाभ मिलेगा। आम आदमी पार्टी की ओर से आधी आबादी को साधने की संभावना पहेली ही जताई जा रही थी, क्योंकि केजरीवाल ने पंजाब में महिलाओं को ध्यान में रखते हुए घोषणा की है। आम आदमी पार्टी ने वहां कहा है कि अगर पंजाब में उसकी सरकार बनती है तो 18 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र की हर महिला के खाते में हर महीने एक हजार रुपये भेजे जाएंगे। हालांकि आगामी चुनाव में यह देखने वाली बात होगी कि केजरीवाल की महिलाओं पर केंद्रित इस घोषणा का क्या असर होता है। 2019 के लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो कुल 62.36 प्रतिशत मतदान हुआ था, जिसमें महिलाओं की भागीदारी 47.79 प्रतिशत थी। इसी तरह विधानसभा चुनाव में भी 65.6 प्रतिशत मतदान में से महिला मतदाताओं का प्रतिशत 47.43 था। उत्तराखंड के ऊपर वर्तमान में 85 हजार करोड़ का कर्ज है। ऐसे में सभी पार्टियों की ओर से किए जा रहे लोकलुभावन वादे क्या राज्य के लिए मुफीद साबित होंगे? यह सवाल हर प्रदेश वासी के जेहन में होगा कि प्रदेश सरकारें इन घोषणाओं को पूरा करने के लिए बजट कहां से लाएंगी। हालांकि इसके पीछे केजरीवाल का दिल्ली मॉडल है, जिसकी चकाचैंध से हर तीसरा आदमी संमोहित नजर आता है।
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